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चंद्रशेखर कंबार साहित्य अकादमी का अध्यक्ष बनने वाले तीसरे कन्नड़ लेखक, जानें 5 बातें
ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता और कन्नड़ भाषा के कवि-लेखक, नाटककार, निर्देशक चंद्रशेखर कंबार साहित्य अकादमी के नए अध्यक्ष चुने गए हैं.
साहित्य जगत के इस प्रतिष्ठित संस्थान में इस शीर्ष पद तक पहुंचने वाले कंबार तीसरे कन्नड़ कवि हैं. इससे पहले विनायक कृष्ण गोकाक (1983) और यूआर अनंतमूर्ति (1993) इस पद तक पहुंचे थे.
- चंद्रशेखर कंबार कन्नड़ भाषा के प्रसिद्ध कवि-नाटककार
- 2011 में साहित्य के सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजे गए
- अपने साहित्य में मिथकों को आधुनिक संदर्भों को पेश किया
साहित्य अकादमी के इतिहास में अबकी बार यह दूसरा मौका रहा जब अध्यक्ष पद के लिए मुकाबला हुआ है.
इससे पहले अनंतमूर्ति ने चुनाव के जरिये यह पद हासिल किया था.
Dnyanpeeth puraskar 2022अबकी बार यह मुकाबला त्रिकोणीय था. अन्य दो उम्मीदवार ओडि़या की सुप्रसिद्ध लेखिका प्रतिभा रे और मराठी के मशहूर लेकर भालचंद्र नेमाड़े थे. कुल 89 वोटों में से 56 मत हासिल कर चंद्रशेखर कंबार अध्यक्ष बने. प्रतिभा रे को 28 और भालचंद्र नेमाड़े को महज चार